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पितृ दोष क्या होता है?

पितृ दोष पूजा हिंदू धर्म में एक पूजा है जो अधिकतर भारतीय परिवारों में जन्म, मृत्यु, उपनयन और विवाह आदि के अवसरों पर की जाती है। इस पूजा के द्वारा मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति अपने पूर्वजों को या उनके स्मृति को न सम्मानित करता है तो उसमें पितृ दोष होता है।

यदि कोई व्यक्ति पितृ दोष से पीड़ित होता है तो पितृ दोष पूजा उनकी समस्या का समाधान कर सकती है। यह पूजा उन पूर्वजों को याद करने के लिए भी की जाती है जिन्होंने हमें यह जीवन दिया है और हमारे उनके प्रति आभार व्यक्त करने के लिए।

इस पूजा में विशिष्ट मंत्रों का जाप किया जाता है और पितृ देवताओं को भोजन आदि अर्पित किया जाता है। इसके अलावा पूर्वजों के लिए दान दिया जाता है जैसे कि वस्त्र, अन्न, जल, गंगा जल आदि।

इस पूजा को करने से पितृ दोष से बचा जा सकता है और पूर्वजों को आशीर्वाद देने से हम उन्हें सुख और शांति दे सकते हैं

पितृ दोष पूजा के लक्षण या उपाय क्या होते हैं ?

पितृ दोष एक ऐसी स्थिति है जहां व्यक्ति अपने पूर्वजों को न सम्मानित करता है या उनकी याद नहीं करता है। इससे पितृ दोष होता है। यह पूजा उन लोगों के लिए है जो पितृ दोष से पीड़ित हैं।

यहां कुछ पितृ दोष के लक्षण और नुकसान दिए गए हैं:

पितृ दोष के लक्षण:

  • घर के सदस्यों में असंतुलितता और विवाद रहते हैं।
  • घर में सकारात्मक ऊर्जा नहीं होती है और बार-बार नकारात्मक वातावरण बनता है।
  • घर के सदस्यों में अस्वस्थता और बीमारियां होती हैं।
  • कोई भी नई शुरुआत शुभ नहीं होती है और नया काम भी असफल हो जाता है।
  • धन की तंगी और बढ़ती चिंताएं होती हैंl

पितृ दोष के नुकसान निम्नलिखित हो सकते हैं:

  1. आर्थिक हानि: पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति की आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है। इसके कारण धन की तंगी होती है और वित्तीय समस्याएं होती हैं।

  2. संतान सुख: पितृ दोष के कारण संतान सुख प्रभावित हो सकता है। संतानों में विवाद और असंतुलन होता है और संतान की विकास में देरी हो सकती है।

  3. स्वास्थ्य समस्याएं: पितृ दोष के कारण व्यक्ति की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। यह शारीरिक और मानसिक दोनों के स्तर पर हो सकता है।

  4. कर्म फल: पितृ दोष से प्रभावित व्यक्ति के कर्म फल में भी देरी हो सकती है। उन्हें कुछ भी नया काम शुरू करने में मुश्किलें हो सकती हैं।

  5. दुखद परिवार: पितृ दोष से प्रभावित होने से परिवार के सदस्यों को दुख होता है। इससे परिवार के सदस्यों के बीच झगड़े और असंतुलन होता है जो उनके साथ जीवन भर रहता है।

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