भारतीय वैदिक ज्योतिष में जब ग्रहों की चाल सामान्य से हटकर अशुभ योग बनाती है, तो वह केवल जीवन में बाधाएं ही नहीं लाती, बल्कि भाग्य की दिशा भी बदल देती है। अनंत कालसर्प दोष भी ऐसा ही एक शक्तिशाली और रहस्यमयी दोष है, जो व्यक्ति के जीवन में संघर्ष, आर्थिक नुकसान, और आत्मविश्वास की कमी का कारण बनता है। यह कालसर्प दोष के 12 प्रकारो में से एक है।
यह दोष किसी भी व्यक्ति की कुंडली में जन्म के समय बन सकता है, और यदि समय पर शांति न की जाए, तो यह जीवन के हर क्षेत्र में रुकावट पैदा कर सकता है। यदि विधिवत रूप से उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा कराई जाए और नियमों का पालन किया जाए तो इस दोष का प्रभाव स्थायी रूप से समाप्त हो सकता है।
अनंत कालसर्प दोष क्या होता है? क्यों जरूरी है इसका निवारण?
जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में राहु पहले भाव (लग्न) में और केतु सातवें भाव में स्थित होते हैं, और सभी ग्रह इनके बीच आ जाते हैं, तो अनंत कालसर्प दोष बनता है। यह कालसर्प योग का एक अत्यंत प्रभावशाली प्रकार है, जिसका असर व्यक्ति के स्वभाव, संबंध, आत्मबल और वैवाहिक जीवन पर सबसे अधिक पड़ता है।
इसे अनंत इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह दोष व्यक्ति को अपने जीवन में लगातार प्रयास करने के बाद भी स्थायित्व नहीं पाने देता।
अनंत कालसर्प दोष बनने के कारण क्या है?
- जन्म के समय ग्रहों की विशेष स्थिति (राहु-केतु के बीच सभी ग्रहों का होना)
- पूर्व जन्मों के कर्म
- पितृ दोष, श्राप या अधूरी आत्माओं से संबंधित प्रभाव
- सर्प दोष या सर्प हत्या का पाप
अनंत कालसर्प दोष के प्रभाव कौन-कौन से है?
- लगातार मेहनत के बावजूद असफलता
- विवाह संबंधी समस्याएं (विवाह में विलंब या टूटना)
- वैवाहिक जीवन में अशांति
- जीवन में आत्म-घृणा और नकारात्मक सोच
- अच्छे अवसर मिलकर भी हाथ से निकल जाना
- जीवन में स्थायित्व की कमी
अनंत कालसर्प दोष से मुक्ति के उपाय कौन-कौन से है?
राहु और केतु मंत्र जाप
- राहु बीज मंत्र:
ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः॥ - केतु बीज मंत्र:
ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं सः केतवे नमः॥
ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप
- यह मंत्र शिव कृपा प्राप्त करने के लिए बहुत प्रभावशाली माना जाता है।
- प्रतिदिन 108 बार जाप करें।
नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा करें
- दूध, दूर्वा, कुश और पुष्प अर्पण करें।
- नाग स्तोत्र का पाठ करें।
रुद्राभिषेक कराएं
- सोमवार के दिन रुद्राभिषेक करने से शिव की विशेष कृपा मिलती है, जो कालसर्प दोष को शांत करने में सहायक होती है।
पवित्र दिन गंगा स्नान करें
- गंगा में स्नान करके राहु-केतु मंत्रों का जाप करें।
- पूजा के बाद स्नान दोष शांति के लिए शुभ होता है।
कालसर्प दोष निवारण पूजा उज्जैन में कैसे कराएं?

कालसर्प दोष शांति पूजा एक अत्यंत प्रभावशाली और विशिष्ट वैदिक अनुष्ठान है, जिसे उस व्यक्ति के लिए किया जाता है जिसकी कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं, जिससे कालसर्प दोष उत्पन्न होता है। इस दोष के कारण व्यक्ति को जीवन में अनेक प्रकार की परेशानियाँ जैसे मानसिक तनाव, आर्थिक तंगी, विवाह में बाधा, संतान संबंधी कष्ट और नौकरी-व्यवसाय में असफलता का सामना करना पड़ सकता है।
कालसर्प दोष शांति पूजा विशेष रूप से उज्जैन जैसे तीर्थस्थल पर योग्य और अनुभवी पंडितों के मार्गदर्शन में की जाती है। इस पूजा में नाग देवता, राहु-केतु और संबंधित ग्रहों का विधिपूर्वक पूजन, अभिषेक और विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है ताकि व्यक्ति को दोष के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिल सके।
अनंत कालसर्प दोष कब शांत होता है?
अनंत कालसर्प दोष तब शांत होता है जब पूर्ण विधिवत रूप से अनंत कालसर्प दोष पूजा उज्जैन में अनुभवी पंडित जी की देख-रेख में कराई जाए और नियमों का पालन किया जाए। लेकिन यदि पूजा के बाद अनुशासन न हो, तो फिर से यह दोष सक्रिय हो सकता है।
उज्जैन में अनंत कालसर्प दोष पूजा में कितना खर्च आता है?
उज्जैन में अनंत कालसर्प दोष पूजा का खर्च सामान्य तौर पर ₹2100 से ₹4,100 या उससे अधिक तक हो सकता है, जो पंडित जी के अनुभव, पूजा की विधि और सामग्रियों पर निर्भर करता है। यदि विशेष मंत्र जाप, अभिषेक या त्रिपिंडी श्राद्ध आदि शामिल किए जाएं तो खर्च थोड़ा और बढ़ सकता है।
उज्जैन में अनंत कालसर्प दोष पूजा बुकिंग कैसे करें?
उज्जैन में अनंत कालसर्प दोष पूजा की बुकिंग करना अब बहुत ही आसान हो गया है। आप अनुभवी पंडित जी से संपर्क कर ऑनलाइन या फोन के माध्यम से पूजा की तिथि तय कर सकते हैं। बुकिंग के समय अपनी जन्म कुंडली की जानकारी देना आवश्यक होता है ताकि पूजा विधिपूर्वक और आपके दोष के अनुसार की जा सके।
तो देर किस बात की आज ही उज्जैन के अनुभवी पंडित जी से संपर्क करें और अपनी पूजा उज्जैन में बुक करें। नीचे दिये गए नंबर पर कॉल करें और पूजा के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त करें।