वैदिक ज्योतिष शास्त्र में कालसर्प दोष एक ऐसी जटिल स्थिति है, जो व्यक्ति के जीवन में कई तरह की बाधाएँ और चुनौतियाँ ला सकती है। इनमें से कर्कोटक कालसर्प दोष एक विशेष प्रकार है, जो अपने गहरे और अनोखे प्रभावों के लिए जाना जाता है। कर्कोटक कालसर्प दोष का नाम पौराणिक सर्प कर्कोटक से लिया गया है।
कर्कोटक कालसर्प दोष जीवन में स्वास्थ्य, वित्तीय स्थिरता, और पारिवारिक सुख को प्रभावित कर सकता है, लेकिन उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा और अन्य वैदिक उपाय इसके प्रभाव को कम कर सकते हैं।
कर्कोटक कालसर्प दोष क्या है? इसका महत्व क्या है?
कर्कोटक कालसर्प दोष तब बनता है जब कुंडली में राहु आठवें भाव (रहस्य, आयु, और परिवर्तन) में और केतु दूसरे भाव (धन, परिवार, और वाणी) में होता है, और अन्य सभी ग्रह इन दोनों के बीच आ जाते हैं। राहु और केतु, जो छाया ग्रह हैं, सर्प की तरह अन्य ग्रहों को अपने प्रभाव में लेते हैं, जिससे जीवन के कई क्षेत्रों में उतार-चढ़ाव आते हैं।
कर्कोटक नाम पौराणिक सर्प से लिया गया है, जो भगवान शिव के भक्त और समुद्र मंथन की कथाओं में प्रसिद्ध है। इस दोष का निवारण भगवान शिव की कृपा और वैदिक अनुष्ठानों से संभव है।
कर्कोटक कालसर्प दोष का जीवन पर प्रभाव क्या होता है?
कर्कोटक कालसर्प दोष का प्रभाव व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति, दशा-अंतर्दशा, और अन्य ज्योतिषीय कारकों पर निर्भर करता है। यह दोष जीवन के कई क्षेत्रों को प्रभावित करता है, जो निम्नलिखित हैं:
- स्वास्थ्य समस्याएँ: पुरानी या रहस्यमयी बीमारियाँ, विशेष रूप से पेट, त्वचा, या मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित।
- वित्तीय अस्थिरता: धन संचय में कठिनाई, अप्रत्याशित खर्च, या निवेश में हानि।
- पारिवारिक तनाव: परिवार के सदस्यों, विशेष रूप से ससुराल पक्ष या नजदीकी रिश्तेदारों के साथ मतभेद।
- वाणी से संबंधित समस्याएँ: गलतफहमियों के कारण संचार में कठिनाई या कठोर वाणी।
- रहस्यमयी अनुभव: अप्रत्याशित घटनाएँ, जैसे दुर्घटनाएँ, या जीवन में बड़े परिवर्तन।
- आध्यात्मिक जागरूकता: केतु के प्रभाव से व्यक्ति आध्यात्मिकता, रहस्यवाद, या गूढ़ ज्ञान की ओर आकर्षित हो सकता है।
कर्कोटक कालसर्प दोष का निवारण: उज्जैन में पूजा और वैदिक अनुष्ठानों
कर्कोटक कालसर्प दोष के निवारण के लिए सबसे प्रभावी और प्रामाणिक उपाय है उज्जैन में कालसर्प दोष निवारण पूजा। उज्जैन, मध्य प्रदेश में स्थित, भगवान महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग और पवित्र क्षिप्रा नदी का घर है, जो इसे इस दोष के निवारण के लिए एक पवित्र तीर्थस्थल बनाता है। यहाँ पूजा को विशेष रूप से प्रभावी बनाने वाले कारण हैं:
- महाकाल की कृपा: भगवान शिव, जो सभी नकारात्मक शक्तियों का नाश करते हैं, कर्कोटक कालसर्प दोष को शांत करने में सहायक हैं।
- क्षिप्रा नदी की पवित्रता: पूजा से पहले स्नान आत्मिक और शारीरिक शुद्धि प्रदान करता है।
- वैदिक परंपराएँ: उज्जैन के पंडित प्राचीन वैदिक मंत्रों और विधियों का पालन करते हैं।
- ज्योतिषीय केंद्र: उज्जैन का प्राचीन ज्योतिषीय महत्व पूजा के प्रभाव को कई गुना बढ़ाता है।
उज्जैन में कालसर्प दोष निवारण पूजा की विधि क्या है?

- क्षिप्रा नदी में स्नान: सुबह जल्दी स्नान करें, जो आत्मिक शुद्धि का प्रतीक है।
- संकल्प और गणेश पूजा: सभी बाधाओं को दूर करने के लिए गणेश जी की पूजा।
- नवग्रह पूजा: सभी ग्रहों की शांति के लिए मंत्र जाप और पूजन।
- राहु-केतु पूजा: कर्कोटक कालसर्प दोष के लिए विशेष मंत्र जाप और हवन। मंत्र:
- राहु: ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः
- केतु: ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः
- महामृत्युंजय जाप: स्वास्थ्य और आध्यात्मिक शांति के लिए। मंत्र: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्…
- विसर्जन: चाँदी का नाग-नागिन जोड़ा क्षिप्रा नदी में विसर्जित करें।
- दान और दक्षिणा: काले तिल, सरसों का तेल, और अन्य सामग्री का दान।
कर्कोटक कालसर्प पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 2025:
- नाग पंचमी: 30 जुलाई 2025, सुबह 6:00 बजे से 9:00 बजे।
- महा शिवरात्रि: 26 फरवरी 2025, रात 11:00 बजे से 1:00 बजे।
- अमावस्या: 29 जनवरी, 28 फरवरी, या 29 मार्च 2025, सुबह 7:00 बजे से 10:00 बजे।
- श्रावण मास: 22 जुलाई से शुरू, प्रत्येक सोमवार।
उज्जैन में कर्कोटक कालसर्प दोष पूजा में कितना खर्च आता है?
उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा का खर्च दोष के प्रकार पूजा के स्थान और पंडित जी की दक्षिणा पर निर्भर करता है। सामूहिक पूजा के लिए 2,100-3,500 रुपये, व्यक्तिगत पूजा के लिए 3,000-5,000 रुपये, और महा पूजा के लिए 5,000+ रुपये।
कर्कोटक कालसर्प दोष निवारण के लिए प्रभावी उपाय कौन-कौन से है?
उज्जैन में पूजा के साथ कुछ अतिरिक्त उपाय कर्कोटक कालसर्प दोष के प्रभाव को और कम कर सकते हैं, जो इसे एक संपूर्ण आध्यात्मिक यात्रा बनाते हैं:
1. राहु-केतु मंत्र जाप: ग्रहों की शांति का शक्तिशाली मार्ग
- राहु मंत्र: ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः
- केतु मंत्र: ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः
- जाप विधि: रोज़ सुबह 108 बार, 40 दिन तक, रुद्राक्ष की माला से।
- लाभ: स्वास्थ्य समस्याएँ और वित्तीय अस्थिरता कम होती है।
2. महामृत्युंजय मंत्र जाप: स्वास्थ्य और शांति का स्रोत
- मंत्र: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्…
- जाप विधि: सोमवार को शिवलिंग के सामने 108 बार जाप करें।
- लाभ: पुरानी बीमारियों और मानसिक तनाव से राहत।
3. चाँदी का नाग-नागिन जोड़ा: कर्कोटक सर्प की कृपा
- उपाय: चाँदी का नाग-नागिन जोड़ा शिवलिंग पर अर्पित करें और नदी में विसर्जित करें।
- शुभ दिन: नाग पंचमी या सोमवार।
- लाभ: दोष का प्रभाव कम होता है।
4. गोमेद और लहसुनिया रत्न: ग्रहों का संतुलन
- उपाय: ज्योतिषी की सलाह पर गोमेद (राहु) और लहसुनिया (केतु) धारण करें।
- लाभ: नकारात्मक ऊर्जा संतुलित होती है।
5. कालसर्प यंत्र: आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक
- उपाय: अभिमंत्रित कालसर्प यंत्र को घर के पूजा स्थल में स्थापित करें।
- लाभ: घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति।
कर्कोटक कालसर्प दोष निवारण के लाभ क्या है?
कर्कोटक कालसर्प दोष के निवारण से निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:
- स्वास्थ्य में सुधार: पुरानी बीमारियों और मानसिक तनाव से राहत।
- वित्तीय स्थिरता: धन संचय में सुधार और अप्रत्याशित खर्चों में कमी।
- पारिवारिक सुख: परिवार के साथ रिश्तों में सुधार।
- वाणी में सुधार: संचार में स्पष्टता और गलतफहमियों से मुक्ति।
- आध्यात्मिक जागरूकता: गहरी आध्यात्मिकता और आत्म-जागरूकता।
उज्जैन में कैसे कराएं कर्कोटक कालसर्प दोष पूजा?
- ऑनलाइन बुकिंग: वेबसाइट्स के माध्यम से ऑनलाइन पूजा बुक करें।
- पंडित से संपर्क: उज्जैन के अनुभवी पंडितों से संपर्क करें।
- पूजा सामग्री: पंडित सामग्री प्रदान करते हैं, या आप स्वयं व्यवस्था कर सकते हैं।
यदि आप कर्कोटक कालसर्प दोष से प्रभावित हैं, तो आज ही उज्जैन के अनुभवी पंडित जी से संपर्क करें, अपनी कुंडली का विश्लेषण करवाएँ, और उज्जैन में शुभ मुहूर्त में पूजा की बुकिंग करें।