कुलिक कालसर्प दोष इसका एक विशेष प्रकार है। यह दोष तब बनता है जब कुंडली में राहु दूसरे भाव में और केतु आठवें भाव में होता है, और बाकी सभी ग्रह इन दोनों के बीच आ जाते हैं। कुलिक कालसर्प दोष का नाम प्राचीन ज्योतिषीय ग्रंथों में वर्णित एक सर्प के नाम पर रखा गया है, जो जीवन के वित्तीय, पारिवारिक और रहस्यमयी हिस्सो को प्रभावित करता है।
कुलिक कालसर्प दोष जीवन में वित्तीय, पारिवारिक, और रहस्यमयी चुनौतियाँ ला सकता है, लेकिन उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा और अन्य वैदिक उपाय इसके प्रभाव को कम कर सकते हैं। भगवान शिव की कृपा और वैदिक मंत्रों की शक्ति इस दोष से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करती है।
कुलिक कालसर्प दोष क्या होता है?
जब राहु जन्म कुंडली के द्वितीय भाव (2nd house) में और केतु अष्टम भाव (8th house) में स्थित हो, और बाकी सभी ग्रह इनके बीच में आ जाएं, तो यह योग कुलिक कालसर्प दोष कहलाता है। यह दोष परिवार, बोलचाल, स्वास्थ्य और आकस्मिक घटनाओं से जुड़ा होता है। जबकि आठवां भाव मृत्यु, रहस्य और अचानक होने वाली घटनाओं का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में कुलिक दोष का प्रभाव बहुत गहरा और कभी-कभी भयानक भी हो सकता है।
कुलिक कालसर्प दोष के प्रभाव
कुलिक कालसर्प दोष का प्रभाव व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति, दशा-अंतर्दशा, और अन्य ज्योतिषीय कारकों पर निर्भर करता है। इसके कुछ प्रमुख प्रभाव निम्नलिखित हैं:
- वित्तीय अस्थिरता: धन संचय में कठिनाई, अप्रत्याशित खर्च, या निवेश में हानि।
- पारिवारिक तनाव: परिवार के सदस्यों, विशेष रूप से माता-पिता या ससुराल पक्ष के साथ मतभेद।
- वाणी से संबंधित समस्याएँ: कठोर बोलचाल या गलतफहमियों के कारण रिश्तों में तनाव।
- स्वास्थ्य समस्याएँ: विशेष रूप से रहस्यमयी या पुरानी बीमारियाँ, मानसिक तनाव, या नींद की समस्याएँ।
- रहस्यमयी अनुभव: अप्रत्याशित घटनाएँ, जैसे दुर्घटनाएँ, या जीवन में बड़े परिवर्तन।
- आध्यात्मिक खोज: केतु के प्रभाव से व्यक्ति आध्यात्मिकता या गूढ़ ज्ञान की ओर आकर्षित हो सकता है।
कुलिक कालसर्प दोष निवारण के लिए कौन-कौन से उपाय है?
उज्जैन में कुछ अतिरिक्त उपाय दोष के प्रभाव को और कम कर सकते हैं:
1. राहु-केतु मंत्र जाप
- राहु मंत्र: ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः
- केतु मंत्र: ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः
- जाप विधि: रोज़ सुबह 108 बार, 40 दिन तक, रुद्राक्ष की माला से।
- लाभ: वित्तीय समस्याएँ और मानसिक तनाव कम होता है।
2. महामृत्युंजय मंत्र जाप
- मंत्र: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्…
- सोमवार को शिवलिंग के सामने 108 बार जाप करें।
- स्वास्थ्य समस्याएँ और रहस्यमयी परेशानियाँ कम होती हैं।
3. चाँदी का नाग-नागिन जोड़ा
- नाग-नागिन जोड़ा शिवलिंग पर अर्पित करें और नदी में विसर्जित करें।
- नाग पंचमी या सोमवार।
- कुलिक दोष का प्रभाव कम होता है।
4. गोमेद और लहसुनिया रत्न
- ज्योतिषी की सलाह पर गोमेद (राहु) और लहसुनिया (केतु) धारण करें।
- ग्रहों की नकारात्मक ऊर्जा संतुलित होती है।
5. कालसर्प यंत्र
- अभिमंत्रित कालसर्प यंत्र को घर के पूजा स्थल में स्थापित करें।
- घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
उज्जैन में वासुकी कालसर्प दोष पूजा

उज्जैन, मध्य प्रदेश में स्थित, भगवान महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग और पवित्र क्षिप्रा नदी का घर है, जो इसे इस दोष के निवारण के लिए एक आदर्श स्थान बनाता है। कुलिक कालसर्प दोष के निवारण के लिए सबसे प्रभावी उपाय है उज्जैन में कालसर्प दोष निवारण पूजा। यहाँ पूजा को विशेष रूप से प्रभावी बनाने वाले कारण हैं:
- महाकाल की कृपा: भगवान शिव, जो सभी नकारात्मक शक्तियों का नाश करते हैं, कुलिक कालसर्प दोष को शांत करने में सहायक हैं।
- क्षिप्रा नदी की शुद्धता: पूजा से पहले स्नान आत्मिक और शारीरिक शुद्धि प्रदान करता है।
- वैदिक परंपराएँ: उज्जैन के पंडित प्राचीन वैदिक मंत्रों और विधियों का पालन करते हैं।
- ज्योतिषीय महत्व: उज्जैन प्राचीन काल से ज्योतिष का केंद्र रहा है, जो पूजा के प्रभाव को बढ़ाता है।
उज्जैन में वासुकी कालसर्प दोष पूजा की विधि
- क्षिप्रा नदी में स्नान: सुबह जल्दी स्नान करें।
- संकल्प और गणेश पूजा: बाधाओं को दूर करने के लिए गणेश जी की पूजा।
- नवग्रह पूजा: सभी ग्रहों की शांति के लिए मंत्र जाप।
- राहु-केतु पूजा: कुलिक कालसर्प दोष के लिए विशेष मंत्र जाप और हवन। मंत्र:
- राहु: ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः राहवे नमः
- केतु: ॐ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः
- महामृत्युंजय जाप: स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए। मंत्र: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्…
- विसर्जन: चाँदी का नाग-नागिन जोड़ा क्षिप्रा नदी में विसर्जित करें।
- दान और दक्षिणा: काले तिल, सरसों का तेल, और अन्य सामग्री का दान।
वासुकी कालसर्प दोष पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 2025
- नाग पंचमी: 30 जुलाई 2025, सुबह 6:00 बजे से 9:00 बजे।
- महा शिवरात्रि: 26 फरवरी 2025, रात 11:00 बजे से 1:00 बजे।
- अमावस्या: 29 जनवरी, 28 फरवरी, या 29 मार्च 2025, सुबह 7:00 बजे से 10:00 बजे।
- श्रावण मास: 22 जुलाई से शुरू, प्रत्येक सोमवार।
पूजा खर्च: सामूहिक पूजा के लिए 2,100-3,500 रुपये, व्यक्तिगत पूजा के लिए 4,000-5,000 रुपये।
कुलिक कालसर्प दोष निवारण के लाभ क्या है?
कुलिक कालसर्प दोष के निवारण से निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:
- धन संचय में सुधार और अप्रत्याशित खर्चों में कमी।
- परिवार के साथ रिश्तों में सुधार।
- पुरानी बीमारियों और मानसिक तनाव से राहत।
- नौकरी और व्यवसाय में स्थिरता।
- गूढ़ ज्ञान और आध्यात्मिकता में रुचि
उज्जैन में वासुकी कालसर्प दोष पूजा बुकिंग कैसे करें?
यदि आप समय रहते इस दोष की पहचान कर लें और सही वैदिक उपाय अपनाएं, तो यह दोष केवल शांत ही नहीं होता, बल्कि आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव भी लाता है। पूजा, मंत्र, संयम और श्रद्धा – यही इसके समाधान का मार्ग है। तो आज ही उज्जैन के अनुभवी पंडित जी से संपर्क करें।