शेषनाग कालसर्प दोष क्या है? प्रभाव और समाधान

जब कुंडली में राहु और केतु के बीच सभी ग्रह आ जाते हैं और केतु बारहवें भाव में तथा राहु छठे भाव में स्थित हो, तब यह शेषनाग कालसर्प दोष बनता है। इसे सर्पों के राजा के नाम पर इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह दोष अत्यधिक प्रभावशाली और मानसिक स्तर पर बहुत गहरा असर छोड़ने वाला होता है।

शेषनाग कालसर्प दोष कोई सामान्य ग्रहदोष नहीं है। यह एक चेतावनी है कि अब जीवन को गहराई से समझने और अंदर के डर, क्रोध, और भ्रम को शांत करने का समय आ गया है। अगर आप इस दोष से पीड़ित हैं, तो आज ही उज्जैन में कालसर्प दोष पूजा कराएं और योग्य पंडित से मार्गदर्शन लें।

शेषनाग कालसर्प दोष क्या है?

शेषनाग कालसर्प दोष का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में शुरुआत से ही दिखने लगता है। यह दोष व्यक्ति के अंदर आत्म-संदेह, असुरक्षा और बार-बार प्रयासों के बाद भी असफलता का अनुभव कराता है। ऐसा व्यक्ति कई बार दूसरों की सफलता देखकर खुद को कमजोर महसूस करता है, जबकि उसमें क्षमता होती है।

मानसिक और भावनात्मक स्तर पर पड़ने वाले प्रभाव

  • आत्मविश्वास की कमी
  • निर्णय लेने की असमर्थता
  • बार-बार मानसिक तनाव और अवसाद
  • रिश्तों में कड़वाहट और भरोसे की कमी
  • भावनात्मक रूप से टूट जाना या अकेलेपन की भावना

शेषनाग कालसर्प दोष का मुख्य प्रभाव व्यक्ति की मनोवैज्ञानिक स्थिति पर होता है। इससे जुड़े व्यक्ति अपने ही विचारों में उलझकर रह जाते हैं और जीवन के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण अपना लेते हैं।

करियर और व्यापार पर शेषनाग कालसर्प दोष के बुरे प्रभाव

  • व्यवसाय में बार-बार नुकसान
  • नौकरी में स्थिरता की कमी
  • मेहनत के बाद भी पदोन्नति नहीं मिलना
  • कानूनी विवाद या धोखाधड़ी की संभावना

इस दोष से प्रभावित व्यक्तियों का करियर कई बार बिना वजह बाधाओं और समस्याओ में आ जाता है, जिससे आत्मविश्वास में कमी और समाज में अस्वीकार्यता की भावना पैदा होती है।

पारिवारिक जीवन में अशांति का कारण

शेषनाग कालसर्प दोष से प्रभावित लोग पारिवारिक स्तर पर भी संघर्ष झेलते हैं। उनके रिश्तों में मनमुटाव, तनाव और गलतफहमियाँ लगातार बनी रहती हैं।

  • पति-पत्नी में अनबन
  • संतान की ओर से चिंता
  • माता-पिता से दूरी
  • घर में लड़ाई-झगड़े

शेषनाग कालसर्प दोष की शांति के उपाय कौन-कौन से है?

  • कालसर्प शांति पूजा कराएं — अनुभवी पंडित से
  • प्रत्येक सोमवार को नागदेवता को दूध चढ़ाएं
  • महामृत्युंजय मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करें
  • रुद्राक्ष धारण करें (कुंडली अनुसार)
  • राहु-केतु ग्रह की शांति के लिए काले तिल और नारियल का दान करें

उज्जैन में शेषनाग कालसर्प दोष की विशेष पूजा क्यों होती है?

कालसर्प दोष पूजा उज्जैन

शेषनाग कालसर्प दोष की शांति के लिए उज्जैन और त्र्यंबकेश्वर दोनों स्थान श्रेष्ठ माने जाते हैं। यहाँ पर विशेष वैदिक रीतियों से पूजा, नागबली, कालसर्प दोष निवारण अनुष्ठान, और महामृत्युंजय जाप किया जाता है।

  • पवित्र क्षिप्रा नदी का जल
  • महाकालेश्वर और नागराज की विशेष आराधना
  • कुंडली अनुसार विशेष उपाय और तंत्र विधान

उज्जैन में पूजा सुबह 7 बजे से शुरू होकर दोपहर तक चलती है, जिसमें व्यक्ति को पिंडदान, रुद्राभिषेक और शांति पाठ करने का अवसर मिलता है।

क्या शेषनाग कालसर्प दोष पूरी तरह से समाप्त हो सकता है?

यह एक कर्मजन्य दोष है, जिसका उद्देश्य जीवन में बाधाओं के माध्यम से हमें सतर्क करने का होता है। लेकिन सही पूजा, मंत्र जाप और संकल्प के साथ किया गया प्रयास दोष के प्रभाव को न्यूनतम कर सकता है, और जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।

उज्जैन में शेषनाग कालसर्प दोष पूजा बुकिंग कैसे कराएं?

क्या आपकी कुंडली में शेषनाग योग है? और आप भी जीवन में आ रही सभी समस्याओं से परेशान है तो आज ही उज्जैन के अनुभवी और योग्य पंडित जी से निःशुल्क जन्मपत्री विश्लेषण कराएं और सटीक दोष निवारण पूजा पूर्ण विधि-विधान के साथ सम्पन्न कराएं।

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